बेंगलूरु. उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को पीएचडी थीसिस और शोध-पत्रों में होने वाली साहित्यिक चोरी रोकने के लिए 'शोधगंगा' योजना के तहत विशेष सॉफ्टवेयर अपनाने के निर्देश दिए हैं।
विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार थीसिस और शोध-पत्रों में अन्य थीसिस की सामग्री 30 फीसदी से
ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन शोधकर्ता और पीएचडी के विद्यार्थी साहित्यिक चोरी से बाज नहीं आ रहे।
विद्यार्थी बिना श्रेय दिए दूसरों की लेखनी को अपनी बता रहे हैं। प्रदेश में केवल बेंगलूरु विवि (बीयू) ने करीब दो साल पहले साहित्यिक चोरी रोकने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर लगाया था मगर आज तक उसका इस्तेमाल नहीं किया। जबकि यूजीसी भी इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है।
ये होगा फायदा
- प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पास साहित्यिक चोरी का आंकड़ा नहीं।
- शोध-पत्र के लिए गलत तरीके से पाठ्यक्रम साम्रगी जुटाते हैं शोधार्थी।
- सामग्री को संपादित कर या तोड़-मरोड़कर अपने नाम से जमाते हैं।
- अमूमन गूगल, पुस्तक, जर्नल या किसी दूसरे की थीसिस से पाठ्य सामग्री चुराते हैं शोधार्थी।
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